समाज में व्याप्त सामाजिक समस्याओं के लिए एक मंच की आवश्यकता थी जहां उन्हें रखा जा सके और उसपर चर्चा की जा सके। जब केंद्रीय समाज कल्याण बोर्ड की स्थापना की गई तब भारत सरकार ने निर्णय किया कि लोगों को सामाजिक समस्याओं, मुददों और चिंताओं के बारे में जानकारी देने के लिए समाज कल्याण विषय पर एक मासिक पत्रिका प्रकाशित की जानी चाहिए। इस पत्रिका की परिकल्पना एक ऐसे मंच के रूप में की गई, जिसमें महिलाओं, बच्चों और अन्य वंचित वर्गों के कल्याण हेतु काम करने वाले स्वैच्छिक संगठनों की गतिविधियों को रेखांकित किया जा सके ।
अंग्रेजी में सोशल वेलफेयर पत्रिका का पहला अंक अप्रैल, 1954 में प्रकाशित किया गया था। इसके पश्चात हिंदी में समाज कल्याण पत्रिका का पहला अंक अगस्त, 1955 में प्रकाशित किया गया। इन पत्रिकाओं में भारतीय समाज में व्याप्त सभी सामाजिक समस्याओं के बारे में महत्वपूर्ण सामग्री होती है और समाज कार्य के विघार्थियों के लिए ये पत्रिकाएं स्त्रोत सामग्री जैसी है।
सदस्यता शुल्क के लिए | |
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एक प्रति |
10/- रूपये |
वार्षिक शुल्क |
1600/- रूपये |
समाज कल्याण (हिन्दी) तथा |
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सोशल वेलफेयर (अंग्रेजी) |
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एक साथ मांगने पर शुल्क |
160/-रूपये |
आजीवन शुल्क |
1000.00 रूपये |
दोनों पत्रिकाओं का |
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आजीवन-शुल्क |
1600/-रूपये |
वार्षिक | मासिक | अन्य रिपोर्ट |
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सोशल वेलफेयर (अंग्रेजी) समाज कल्याण (हिंदी) |
सीएसडब्ल्यूबी और राज्य सामाजिक कल्याण बोर्ड की भविष्य की भूमिका पर कार्यशाला |